मिथिला शुरू से ही राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय चेतना एवं राजनीतिक संघर्ष का केंद्र रहा है। राजधानी दिल्ली में लगभग 40 लाख से अधिक मैथिल लोग रहते हैं। ये मिथिलांचल, बिहार से आये हुए सभी तबके के लोग हैं। मिथिला के दक्षिण में गंगा, उत्तर में हिमालय वन, पश्चिम में गंडक और पूरब में कोसी नदी तक फैला हुआ है। जिसमें लगभग 4 करोड़ मैथिली भाषी रहते हैं, यहॉं प्राचीन लोकनाट्य, लोक संगीत, लोक नृत्य एवं लोक संस्कृति की परंपरा रही है। यहॉं लगभग प्रत्येक गॉंव में आज भी विभिन्न पूजा आयोजनों के अवसर पर लोक संस्कृति की परंपरा विद्यमान है।
विगत 46 वर्षों से मैथिली भाषियों के सांस्कृतिक केन्द्र बिन्दु अखिल भारतीय मिथिला संघ रहा है। यह संघ सर्व दलीय, सर्वजातीय एवं सर्वधर्म संभाव में विश्वास रखने वाली सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था है। यह संस्था प्रत्येक वर्ष मिथिला विभूति पर्व समारोह का आयोजन करता आ रहा है।